पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों के बीच सीएनजी की कम कीमत ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। ऐसे में देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी Maruti Suzuki India Limited (मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड) (MSIL) सीएनजी कार बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की योजाना बना रही है। पैसेंजर व्हीकल बाजार की लीडर कंपनी अपने सीएनजी पोर्टफोलियो का विस्तार करने के लिए कमर कस रही है।
मारुति सुजुकी भारत में सीएनजी से चलनेवाली कारों को पेश करने वाले सबसे शुरुआती कार निर्माताओं में से एक है। मारुति सुजुकी ने वित्त वर्ष 2021 (अप्रैल 2020 से मार्च 2021) में 1,57,954 यूनिट्स के साथ अपनी अब तक की सबसे ज्यादा सीएनजी कारों की बिक्री दर्ज की, और इसकी 12,93,840 यूनिट्स की कुल यात्री वाहन बिक्री में20 प्रतिशत का योगदान दिया। इससे कंपनी को पिछले अप्रैल में डीजल बाजार से बाहर निकलने के बाद बिक्री में हुए नुकसान की भरपाई करने में भी मदद मिली है। मारुति ने पिछले साल नए बीएस-6 मानक इंजन के लागू होने के बाद डीजल कार बनाना बंद कर दिया था।
रिपोर्ट के मुताबिक मारुति सुजुकी की संचयी सीएनजी कार की बिक्री पिछले महीने 6,00,000 यूनिट को पार कर गई होगी। अप्रैल में 5 लाख का आंकड़ा पार करने के बाद, अगली 1,00,000 यूनिट्स की बिक्री में मुश्किल से सात महीने लगे हैं।
साल 2010 में अपना पहला फैक्ट्री-फिटेड सीएनजी मॉडल WagonR (वैगनआर) पेश करने के बाद, कंपनी ने भारत में अपनी S-CNG टेक्नोलॉजी की खूबियों को साबित किया है। इंजन की वॉल्व सीटों में बदलाव, कार के शॉक एब्जॉर्बर, पेट्रोल फिलर कैप के बगल में सीएनजी फिलिंग वॉल्व की जगह, इंटीग्रेटेड सीएनजी फ्यूल लेवल डिस्प्ले के साथ मॉडिफाइड इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर और सीएनजी वेरिएंट पर फ्रंटल और साइड-इम्पैक्ट क्रैश टेस्ट जैसी खूबियों ने भारत के सबसे बड़े कार निर्माता को अपने ग्राहकों के साथ विश्वास का संबंध बनाने करने में मदद की है।
MSIL के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर, सेल्स एंड मार्केटिंग, शशांक श्रीवास्तव ने कहा, “लोग अब पावर के नुकसान, इंजन के खराब होने या कार के सीएनजी पर चढ़ने में सक्षम नहीं होने से चिंतित नहीं हैं। ग्राहकों ने हमें विटारा ब्रेजा को सीएनजी में लाने का फीडबैक दिया है। हमारे मार्केट रिसर्च से यह भी पता चलता है कि ग्राहक स्विफ्ट में भी सीएनजी की तलाश कर रहे हैं और बहुत सारे ग्राहक बलेनो और सियाज में भी सीएनजी मांग रहे हैं। हम इसकी जांच कर रहे हैं और फिर तय करेंगे कि कौन से मॉडल सीएनजी के साथ पेश किए जाएं।”
मारुति की सबसे ज्यादा बिकने वाली सीएनजी कार अभी भी वैगनआर है। कंपनी Alto (ऑल्टो), S-Presso (एस-प्रेसो), Eeco (ईको), Ertiga (एर्टिगा), Tour S (टूर एस) और Tour M (टूर एम) टैक्सी और Super Carry (सुपर कैरी) (कमर्शियल पिकअप) में भी सीएनजी का ऑप्शन देती है। श्रीवास्तव ने हाल ही में सेलेरियो की लॉन्चिंग के मौके पर कहा, “हम सीएनजी से लैस अपने पोर्टफोलियो में और तीन-चार मॉडल शामिल करेंगे। हालांकि मैं आने वाले मॉडलों के बारे में ज्यादा नहीं बता सकता। इसमें कुछ डेवलप्मेंट टाइम और शेड्यूल हैं। और हम निश्चित रूप से और ज्यादा सीएनजी मॉडल लेकर आएंगे।”
वाहन उद्योग के संगठन सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019 में 143 शहरों में 1,300 स्टेशन थे। अब 293 शहरों में सीएनजी नेटवर्क का विस्तार लगभग 3,500 फिलिंग स्टेशनों तक हो गया है। यह 2025 तक 6,000 स्टेशनों तक होने की ओर बढ़ रहा है और साल 2030 तक 10,000 स्टेशनों तक पहुंच जाएगा।
श्रीवास्तव ने कहा, “सरकार पेट्रोल और डीजल के बजाय परिवहन के लिए सीएनजी के इस्तेमाल पर भी जोर दे रही है। क्योंकि सीएनजी आयात करने के लिए बहुत सस्ता है और देश की उच्च कच्चे तेल आयात लागत को ऑफसेट करने में मदद करता है।” मारुति सुजुकी के लिए सीएनजी की बिक्री की मात्रा साल 2017 में 75,000 यूनिट से बढ़ी है। उस समय सिर्फ दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात में सीएनजी की मजबूत मांग थी। इस साल सीएनजी कारों की बिक्री बढ़कर 1,62,000 यूनिट तक पहुंच गई है और इस साल के आखिर तक 3,00,000 यूनिट के निशान को छूने की उम्मीद है।