Summary
- भारत में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर (E2W) की बिक्री साल-दर-साल आधार पर 2021 में 132 प्रतिशत बढ़ी है। सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (SMEV) ने यह जानकारी दी है। समीक्षाधीन अवधि के दौरान हाई-स्पीड और लो-स्पीड सहित इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की कुल बिक्री बढ़कर 233,971 हो गई। जबकि 2020 में 100,736 इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की बिक्री हुई थी।
- उद्योग संगठन ने बताया कि ग्राहकों ने आकर्षक कीमतों, कम चलने वाली लागत और कम रखरखाव के कारण अब बड़ी संख्या में पेट्रोल से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर शिफ्ट करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा, एसएमईवी ने कहा कि हाई-स्पीड वाले इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर, जिनकी रफ्तार 25 किमी प्रति घंटे से ज्यादा है और जिन्हें चलाने के लिए लाइसेंस की जरूरत है, इनकी बिक्री में जबरदस्त 425 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
- वहीं, लो-स्पीड E2W की बिक्री में सिर्फ 24 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। उद्योग संगठन ने कहा कि लो-स्पीड वाले इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर में 2021 की आखिरी दो तिमाहियों में नकारात्मक बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा, लो-स्पीड सेगमेंट का बाजार हिस्सा जो पिछले सभी वर्षों में 70 प्रतिशत से ऊपर हुआ करता था, वह अक्तूबर-दिसंबर 2021 की अंतिम तिमाही में 15 प्रतिशत से कम हो गया।
- खास तौर पर, लो-स्पीड इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को केंद्र सरकार की ‘FAME 2’ नीति के तहत सब्सिडी नहीं दी जाती है। यह सब्सिडी बैटरी क्षमता के आधार पर सिर्फ हाई-स्पीड इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स को मिलती है। जिससे एंट्री-लेवल हाई-स्पीड E2W कई लो-स्पीड E2W से सस्ते हो गए हैं।
- एसएमईवी के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा, “हमने पूरे ईवी यात्रा के दौरान पिछले कुछ महीनों से बेहतर दिन नहीं देखे हैं। पिछले 15 वर्षों में, हमने सामूहिक रूप से लगभग 10 लाख e2w, ई-थ्री व्हीलर, ई-कार और ई-बसें बेची हैं, और जनवरी 2022 से शुरू होने वाले एक साल में ही 10 लाख यूनिट बेचने की संभावना है।”