देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी Maruti Suzuki (मारुति सुजुकी) की प्रीमियम हैचबैक कार Baleno (बलेनो) हाल ही में लैटिन NCAP (एनसीएपी) क्रैश टेस्ट में सुरक्षा मानकों को पास करने में नाकाम रही है। मेड-इन-इंडिया मारुति बलेनो ने सेफ्टी क्रैश टेस्ट में जीरो रेटिंग हासिल की है। इस कार में स्टैंडर्ड तौर पर दो एयरबैग मिलते हैं।
ग्लोबल क्रैश टेस्ट पास करने में नाकाम रही बलेनो से कुछ महीनों पहले Maruti Swift (मारुति स्विफ्ट) भी इसी तरह के नतीजों के साथ लैटिन एनसीएपी क्रैश टेस्ट में असफल रही थी।स्विफ्ट को भी NCAP क्रैश टेस्ट में जीरो रेटिंग मिली थी। बलेनो और स्विफ्ट दोनों भारत में सबसे लोकप्रिय प्रीमियम हैचबैक कारों में शामिल हैं और भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता के लिए बिक्री के आंकड़ों में बड़ा योगदान देती हैं।
लैटिन एनसीएपी में, बलेनो ने एडल्ट ऑक्यूपेंट सेफ्टी में03 प्रतिशत, चाइल्ड ऑक्यूपेंट सेफ्टी में 17.06 प्रतिशत, पैदल यात्रियों की सुरक्षा और सड़क में कमजोर उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा में 64.06 प्रतिशत और सेफ्टी असिस्ट बॉक्स में 6.98 प्रतिशत अंक हासिल किया। जहां बलेनो ने फ्रंटल इम्पैक्ट टेस्ट में स्थिर संरचना प्रदर्शन दिखाया, वहीं साइड इफेक्ट टेस्ट के दौरान वयस्क की छाती को खराब सुरक्षा के साथ दरवाजे में उच्च दबाव दिखाया।
लैटिन एनसीएपी ने “खराब साइड इफेक्ट प्रोटेक्शन, मार्जिनल व्हिपलैश प्रोटेक्शन, स्टैंडर्ड साइड बॉडी और हेड प्रोटेक्शन एयरबैग्स की कमी, स्टैंडर्ड इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ईएससी) की कमी और सुजुकी के चाइल्ड रेस्ट्रेंट सिस्टम (सीआरएस) की सिफारिश नहीं करने के फैसले” को जीरो-स्टार के नतीजों का कारण बताया। पैदल यात्री सुरक्षा प्रदर्शन ने उचित स्तर दिखाया।
लैटिन एनसीएपी के महासचिव एलेजांद्रो फुरास ने कहा, “बलेनो का जीरो स्टार, कुछ हफ्ते पहले स्विफ्ट की जीरो स्टार रेटिंग के बाद हुई निराशा का हिस्सा है। सुजुकी की ओर से विशेष रूप से लैटिन अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए वयस्क और बच्चे को स्टैंडर्ड तौर पर दी जाने वालीसुरक्षा में खराब प्रदर्शन के साथ। इससे भी अधिक आश्चर्यजनक और निराशाजनक है टोयोटा की पहली वन स्टार मॉडल यारिस। यह चिंता की बात है कि टोयोटा मेक्सिको द्वारा किया गया एक फैसला इस नतीजे की मुख्य वजह है। साथ ही सुरक्षा उपकरण को स्टैंडर्ड तौर पर अभी पेश नहीं करने का निर्णय भी इसके लिए जिम्मेदार है। इस फैसले का नतीजा है कि सभी लैटिन अमेरिकियों के लिए प्रमुख सुरक्षा उपकरण जैसे साइड बॉडी और साइड कर्टेन एयरबैग उपलब्ध नहीं हैं।”
लैटिन एनसीएपी के अध्यक्ष स्टीफन ब्रोडजियाक ने कहा, “सुजुकी की एक और जीरो स्टार कार का होना दुर्भाग्यपूर्ण है, इस मामले में बलेनो मॉडल, जिसकी कुछ देशों में “गुड, नाइस, बलेनो” के रूप में मार्केटिंग की जाती है, जिसमें हमें जोड़ना चाहिए “कम सुरक्षा”। जहां तक टोयोटा यारिस की बात है तो यह बहुत ही निराशाजनक है कि उसे सिर्फ एक स्टार मिला है, क्योंकि यह कार हमारे इलाके में बहुत लोकप्रिय है, इसकी बाजार में पहुंच बहुत ज्यादा है। पिछले टेस्ट में टोयोटा के पास एक बहुत अच्छा सुरक्षा प्रदर्शन रिकॉर्ड था, जो कि उपभोक्ताओं के लिए सबसे सुलभ वाहनों में से एक की इतनी कम सुरक्षा के साथ अनिवार्य रूप से दागदार होता है। यह हमारे क्षेत्र की सड़कों पर ब्रांड के एक स्टार वाहन के घूमने में शामिल जोखिम के कारण है। हम सुजुकी और टोयोटा दोनों के लिए लैटिन अमेरिका और कैरिबियन में उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध होने के लिए एक जोरदार आह्वान करते हैं। हम नहीं चाहते कि हमारे देशों में और अधिक जीरो और एक स्टार कारें घूमें।”
मारुति बलेनो भारतीय बाजारों में 9 वेरिएंट्स में उपलब्ध है। बलेनो की एक्स-शोरूम कीमत97 लाख रुपये से शुरू होती है और इसके टॉप-स्पेक ट्रिम के लिए 9.33 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) तक जाती है। इस कार के सभी ट्रिम्स में ड्राइवर और सामने वाले यात्री के लिए दो एयरबैग स्टैंडर्ड तौर पर दिया जाता है।